आज फिर रात बड़ी नम सी है
आज तुम याद फिर बहुत आए|
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तेरी तरफ जो
तेरी तरफ जो नजर उठी
वो तापिशे हुस्न से जल गयी
तुझे देख सकता नहीं कोई
तेरा हुस्न खुद ही नकाब हैं|
तेरा हुस्न एक जवाब
तेरा हुस्न एक जवाब,मेरा इश्क एक सवाल ही सही
तेरे मिलने कि ख़ुशी नही,तुझसे दुरी का मलाल ही सही
तू न जान हाल इस दिल का,कोई बात नही
तू नही जिंदगी मे तो तेरा ख़याल ही सही|
लोग हर मोड़ पे
लोग हर मोड़ पे रुक-रुक के संभलते क्यों हैं
इतना डरते हैं तो फिर घर से निकलते क्यों हैं
मैं न जुगनू हूँ, दिया हूँ न कोई तारा हूँ
रोशनी वाले मेरे नाम से जलते क्यों हैं
वो ढूंढते रहे इधर उधर
वो ढूंढते रहे इधर उधर शायद उन्हें हमारी तलाश थी
पर अफ़सोस जिस जगह पर थे
उनके कदम उसी कब्र में हमारी लाश थी …
मेरी खुशियों की
मेरी खुशियों की दुआ करते हो।
खुद मेरे क्यों नहीं हो जाते हो।
गुनाह कुछ हमसे
गुनाह कुछ हमसे ऐसे हो गए।
यूँ अनजाने में फूलों का क़त्ल कर दिया।
पत्थरों को मन ने में।
बर्बाद करना था
बर्बाद करना था तो किसी और तरीके से करते।
जिंदगी बनकर जिंदगी ही छीन ली।
ना कोई ख्वाहिश..
ना कोई ख्वाहिश.. …….ना कोई आरजू..
थोड़ी बेमतलब सी है जिंदगी.. फिर भी जीना अच्छा लगता
है..।
ये तो मोहब्बत थी
ये तो मोहब्बत थी तुमसे जो तेरी बेवफ़ाई बर्दास्त कर गया।
ऐ बेवफा वरना तेरे सीने से वो दिल निकाल लेता जो मोहब्बत के काबिल ना था।