इश्क़ भी कहा मरता है पुरी तरह..
आधा मुझमें आधा तुझमें जिया करेगा..!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
इश्क़ भी कहा मरता है पुरी तरह..
आधा मुझमें आधा तुझमें जिया करेगा..!
बड़ा गजब किरदार है मोहब्बत का भी,
अधूरी हो सकती है, मगर खत्म नहीं…….!!
तुम बुझा के चल तो दिए मेरी यादों के चिराग,
क्या करोगी अगर रास्ते में रात हो गई तो.
कल और आएंगे नग्मों की कलियाँ चुनने वाले,
हमसे बेहतर कहने वाले,तुमसे बेहतर सुनने वाले…
दर्द-ए-दिल कितना पसन्द आया उसे,
मैनें जब की आह,उसने वाह की…
मुलाकात जरुरी हैं, अगर रिश्ते निभाने हो,
वरना लगा कर भूल जाने से पौधे भी सूख जाते हैं…
मेरी ख़्वाहिशों की क़ब्र बना कर…
चैन पा लिया है क्या…??
जान पहचान के लोगों में भी पहचान नहीं
कैसी फैली है यहाँ बेरुखी कूचा-कूचा..
मृत्यु की सेज पर तुम आसुंओंको ना बहाना,,,
मेरे रूह की रिहाई का,जश्न तुम मना लेना..
बहुत तकलीफ देता है
कभी कभी,
तेरा ‘हो के’ भी न होना..!!