मोहब्बत रूह में उतरा हुआ मौसम है जनाब,
ताल्लुक कम करने से मोहब्बत कम नही होती !
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
मोहब्बत रूह में उतरा हुआ मौसम है जनाब,
ताल्लुक कम करने से मोहब्बत कम नही होती !
आपके चलने की भी क्या खूब अदा है..
तेरे हर कदम पे एक दिल टूटता है..!
दिल के दरवाजों को हमेशा ही खुला रखता हुँ,
कहा है उसने
“देर लगेगी पर आयेंगी जरूर”
मैं वो हूँ जो कहता था की इश्क़ मे क्या रखा है..
आज कल एक हीर ने मुझे रांझा बना रखा है ..