ना गम है तू…. ना खुशी है तू…,,,
मेरी उम्र भर की बस एक कमी है तू….!!!!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
ना गम है तू…. ना खुशी है तू…,,,
मेरी उम्र भर की बस एक कमी है तू….!!!!!
आत्मा नाम ही रखती है न मज़हब कोई
वो तो मरती भी नहीं सिर्फ़ मकाँ छोड़ती है
बेटियों का बाप भी कितना मजबूर होता है,
शहर के आवारा गिद्धों का कुछ बिगाड नही सकता….
उसे अपने परियों के पंख ही कुतरने पड़ते है…!!!
छोङ दिया उसे उसकी खुशियों की खातिर….
वरना अपनी बदनसीबी उसे भी ले डूबती…
करता नही तुमसे शिकायत ये दिल मगर,
कहना ये चाहता है कि तुम वो नही रहे !
काश कि तुजे बचपन मे ही माँग लेते,
हर चिज मील जाती थी दो
आँसू बहाने से!
मै उसे अपना समझता रहा,
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जो कभी मेरा था ही नही….
नींद को आज भी शिकवा है
मेरी आँखों से,
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मैंने आने न दिया उसको तेरी याद से पहले….!!
अगर मिल जाती खुशी दुनिया मे आसानी से,
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तो दिल की मुलाकात कभी दर्द से ना होती….!!
जिंदगी में कुछ भी मुफ्त में नहीं मिलता,
बचपन खोया तब जाकर जवानी मिली…!!!