पहले जैसा रंग नहीं है
जीवन की रंगोली में
जाने कितना ज़हर भरा है
अब लोगों की बोली में ..
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अखबार के साथ दबे
अखबार के साथ दबे पांव चली आती थीं,
टीवी ने खबरों को
शोर मचाना सिखा दिया..!!
MOTHER का M ही
MOTHER का ‘M’ ही
महत्वपूर्ण है ।
क्योंकि
‘M’ के बिना
बाकी सब OTHER है ।
कब तक लब्जो की
कब तक लब्जो की कारीगरी करता रहूँ
समझ जाओ ना में तुमसे प्यार करता हूँ
जख्म है कि दिखते
जख्म है कि दिखते
…….. नही ,
मगर ये मत समझिए
कि दुखते नही…..!!
सौ बार खत निकालकर
सौ बार खत निकालकर देखा है जेब से…;
हम जो समझ रहे हैं वो उसने लिखा ही नहीं
आसमाँ की ऊंचाई नापना
आसमाँ की ऊंचाई नापना छोड़ दे
ए दोस्त….
ज़मीं की गहराई बढ़ा…
अभी और नीचे गिरेंगे लोग
संग ए मरमर से तराशा खुदा ने
संग ए मरमर से तराशा खुदा ने तेरे बदन को,
बाकी जो पत्थर बचा उससे तेरा दिल बना दिया
इज़हार-ए-याद करुँ
इज़हार-ए-याद करुँ या पूछूँ हाल-ए-दिल उनका,
ऐ दिल कुछ तो बहाना बता उनसे बात करने का
तुझसे बिछडकर ना देखा
तुझसे बिछडकर ना देखा गया मिलाप किसी का,
तट पर बैठे सभी परिंदें उडा़ दिए हमने।