बहुत दूर चले आयें है हम अपने गाँव और मकान से!
बड़ी कीमत चुकानी पड़ी है ऐ शहर बेहतर जिंदगी बनाने में !!
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एक नींद है
एक नींद है जो
रात भर नहीं आती
और
एक नसीब है
जो पता नही कब से सो रहा है।
कुछ यादें गुमनाम
ना हमने चिट्ठी लिखी ना भेजे पैगाम बिना बुलाए आ गयीं कुछ यादें गुमनाम
वो मेरे चेहरे तक
वो मेरे चेहरे तक अपनी नफ़रतें लाया तो था,
मैंने उसके हाथ चूमे और बेबस कर दिया !
पीठ भी दर्द करने लगी
लोग पीठ पीछे इतनी बुराई करते हैं कि अब तो पीठ भी दर्द करने लगी
ऐसा तरीका ढूंढते हैं
चलो कोई ऐसा तरीका ढूंढते हैं,
मन्द हवा भी चले और दिए भी जले।
खुश हूँ तेरे बिना पर
खुश हूँ तेरे बिना पर
आंसू ही गिर पड़े आँखों से लिखने से पहले।
क़ैद न कर पाओगे
क़ैद न कर पाओगे, हवा हूँ मैं, एक दिन उड़ जाऊँगा
ढूँढा करोगे, नज़र न आऊँगा ख़ाक में मिल जाऊँगा..
ख़ुद गुलाब हो कर
ख़ुद गुलाब हो कर तुम गुलाब छूती हो ,
कितनी क़यामतें बरपा करना चाहती हो..??
उसे भी खिड़कियाँ खोले
उसे भी खिड़कियाँ खोले
ज़माना बीत गया
मुझे भी शामो-सहर का पता नहीं चलता