आज का ज्ञान
अगर कोई दस बजे उठे…
तो जरूरी नहीं कि वो…
‘आलसी’ हो……….
हो सकता है उसके ‘सपने’ बड़े हों…!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
आज का ज्ञान
अगर कोई दस बजे उठे…
तो जरूरी नहीं कि वो…
‘आलसी’ हो……….
हो सकता है उसके ‘सपने’ बड़े हों…!!
बिन थके बेधड़क हर रोज़ चली आती हैं..!!
ख्वाहिशें
इतवार को भी..आराम नहीं करतीं..!!
क्यों
भरोसा करते हो गैरों पर…
जब तुम्हें चलना है खुद के पैरों पर…
बहुत ख़ूबसूरती देखी इस ज़माने में..
सब भूल गया जब झाँका
तेरी निगाहों में..!”
हथियार तो सिर्फ शोक के लिए रखा करते हैं , खौफ
के लिए तो बस हमारा नाम ही काफी है..
ख़ौफ़ तो कुत्ते भी
फैला सकते है……….. पर दहशत
हमेशा शेरो की रहती है ……..
ना
चाहते हुए भी आ जाता है, लबो पर नाम तेरा..
कभी तेरी तारीफों में, तो कभी तेरी शिकायत
मे..!
तेरे ज़िक्र भर से हो जाती है मुलाक़ात जैसे..
तेरे नाम से भी इस क़दर
इश्क़ है मुझ को..!
तुम्हारे बगैर ये वक़्त, ये दिन और ये रात
जान मेरी… गुजर
तो जाते हैं मगर, गुजारे नहीं जाते…
Likh doon
yaa rehny doon..
Woh nazam tere naam ki..!