ख्वाब बोये थे, और अकेलापन काटा है,
इस मोहब्बत में ,
“यारों” बहुत घाटा है..
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
ख्वाब बोये थे, और अकेलापन काटा है,
इस मोहब्बत में ,
“यारों” बहुत घाटा है..
कुछ तो बेवफाई हैं मुझमें भी,,
जो अब तक जिंदा हुं तेरे बगैर !
ज़िन्दगी देने वाले यूँ मरता छोड़ गए,
अपनापन जताने वाले यूँ तनहा छोड़ गए,
जब पड़ी जरुरत हमें अपने हमसफ़र की,
तो साथ चलने वाले अपना रास्ता मोड़ गए।
वो तब भी थी अब भी है और हमेशा रहेगी,
तुमसे मोहब्बत है पढाई नही जो पूरी हो जाऐ…!!
रुकता नही तमाशा रहता है खेल जारी
उस पर कमाल देखिए दिखता नही मदारी|
मीठी यादों की चासनीं में भिगोकर हमने।
तेरे इश़्क को, मुरब्बे सा संभाल रक्खा है।
ये जो तेरे बगैर खालीपन लगता है …..
प्यार की भाषा में,उसे ही मोहब्बत कहते है……
न किसी हमसफ़र ना हमनशीं से निकलेगा,
हमारे पाँव का काँटा, हमीं से निकलेगा!
वो मेरी न हुई तो ईसमेँ हैरत की कोई बात नहीँ क्योँकि शेर से…
दिल लगाये बकरी की ईतनी औकात नही….!!
तुम्हारे पास ही तो हैं ज़रा ख्याल करके देखो।
आँखों की जगह दिल का इस्तेमाल करके देखो।