आजकल महंगे लिबासों में घटिया लोग..
और घटिया लिबासों में महंगे लोग पाये जाते हैं|
Tag: शर्म शायरी
छत पर आकर
छत पर आकर वो फिर से मुस्कुरा के चली गईं, दिल पहले से हाईजैक था, मुर्दे दिमाग में भी लालटेन जला के चली गईं।
चैन से रहने का
चैन से रहने का हमको मशवरा मत दीजिये.. मुश्किलें जिन्दगी की अब मजा देने लगी हैं!!!
मकान बन जाते है
मकान बन जाते है कुछ हफ़्तों में,
ये पैसा कुछ ऐसा है..
और घर टूट जाते है चंद पलों में,
ये पैसा ही कुछ ऐसा है…!!
ये सोच कर
ये सोच कर की शायद वो खिड़की से झाँक ले
.
उसकी गली के बच्चे आपस में लड़ा दिए मैंने !!
आओ नफरत का किस्सा
आओ नफरत का किस्सा, दो लाइन में तमाम करें,
दोस्त जहाँ भी मिले, उसे झुक के सलाम करें….
वो बुलंदियाँ भी
वो बुलंदियाँ भी किस काम की जनाब,,
कि इंसान चढ़े और इंसानियत उतर जायें…??
आज एक दुश्मन ने
आज एक दुश्मन ने धीरे से कान में कहा,
यार इतना मत मुस्कुराया कर बहोत जलन होती है !!
रोज़ आ जाते हो
रोज़ आ जाते हो बिना इत्तेला दिए ख्वाबों में….
कोई देख लेगा तो हम क्या जवाब देंगे……
रिश्ते होते है
रिश्ते होते है मोतियों की तरह …
कोई गिर भी जाये तो झुक के उठा लेना चाहिए ।