तुम्हारी नाराजगी बहुत वाजिब है…
मै भी खुद से खुश नहीं हूँ !
Tag: शर्म शायरी
हल्की हल्की बातें
जब से तूने हल्की हल्की बातें की हैं….
तबियत भारी भारी सी रहती है……
रूक गया है
रूक गया है आसमां मेँ चाँद चलते चलते . . . .
तुमको अब छत से उतरना चाहिए . . . .
लाज़मी नहीं के
लाज़मी नहीं के तुझे आंखों से देखूं..
तेरी खुशबू तेरे दीदार से कम तो नहीं|
दिल को जो मेरे ले गया
दिल को जो मेरे ले गया, उसकी तलाश क्या करूँ
जिसने चुराया दिल मेरा, वो तो मेरी नज़र में है|
चुप तुम थे
चुप तुम थे चुप हम भी रहे
ना जाने कैसे ये किस्सा आम हो गया……………..
तुझ को देखे
तुझ को देखे बिना करार ना था,
एक ऐसा भी……वक्त गुजरा है..!!
एक जरा जायके में
एक जरा जायके में कडवा है,
वरना सच का कोई जबाब नहीं.!!
पूरी दुनिया से
पूरी दुनिया से जुदा सा है वो,
हम जिसे चाहते हैं खुदा सा है वो ।
बग़ैर पूछे मेरे
बग़ैर पूछे मेरे सर में भर दिया मज़हब।
मैं रोकता भी तो कैसे कि मैं तो बच्चा था॥