Aks-e-Khusboo hoon..
Bikharne Se Na Roko..
Tag: शर्म शायरी
Teri yaad bht
Teri yaad bht tadpati hai mujhko
Kabhi ake ek nazar dekhle mujhko
हर एक बात को चुप-चाप क्यूँ
हर एक बात को चुप-चाप क्यूँ सुना जाए
कभी तो हौसला कर के नहीं कहा जाए
तुम्हारा घर भी इसी शहर के हिसार में है
लगी है
आग कहाँ क्यूँ पता किया जाए
जुदा है हीर से राँझा कई ज़मानों से
नए सिरे से कहानी को फिर लिखा जाए
कहा गया है सितारों को छूना मुश्किल है
कितना सच है कभी तजरबा किया जाए
किताबें
यूँ तो बहुत सी हैं मेरे बारे में
कभी अकेले में ख़ुद को भी पढ़ लिया जाए
हमने कब कहा कीमत समझो
हमने कब कहा कीमत समझो तुम मेरी…
,
हमें बिकना ही होता तो यूँ तन्हा ना होते….
……
……….
मेरी गली से गुजरा.. घर तक
मेरी गली से गुजरा.. घर तक नहीं आया,
,
,
,
अच्छा वक्त भी करीबी रिश्तेदार निकला…
……
………..
विरासतो में नहीं मिला मुझे कुछ भी यारो
विरासतो में नहीं मिला मुझे कुछ भी यारो
इसलिए पहचान
बनाना अभी बाकि है .!!
नजरें नीची झुक गई
मुझे देख कर आज उनकी नजरें नीची झुक गई…..
लगता है इस से पहले किसी से आँख मिला के आई है…….!
वर्षों का सफर खाक हुआ उस दिन
वर्षों का सफर खाक हुआ उस दिन….
.
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जब उसनें पूँछ लिया …
” कहो कैसें आना हुआ ????
तुझसे मोहब्बत थी मुझे बेइन्तहा लेकिन
तुझसे मोहब्बत थी मुझे बेइन्तहा लेकिन,
अक्सर ये महसूस हुआ तेरे जाने के बाद
बेटे की तस्वीर
जिस बेटे की तस्वीर वो उम्र भर बटुए में लेकर घूमता रहा ….
उसी बेटे ने आज दीवार से उसकी तस्वीर उतार दी ….
#RespectYourParents