किसी को तकलीफ

किसी को तकलीफ देना

मेरी आदत नही,
बिन बुलाया मेहमान बनना मेरी आदत नही…!

मैं

अपने गम में रहता हूँ नबाबों की तरह,
परायी खुशियो के पास जाना

मेरी आदत नही…!

सबको हँसता ही देखना चाहता हूँ मै,
किसी को

धोखे से भी रुलाना मेरी आदत नही…!

बांटना चाहता हूँ तो बस

प्यार और मोहब्बत,
यूँ नफरत फैलाना मेरी आदत नही…!

जिंदगी

मिट जाये किसी की खातिर गम नही,
कोई बद्दुआ दे मरने की यूँ

जीना मेरी आदत नही…!

सबसे दोस्त की हैसियत से बोल लेता

हूँ,
किसी का दिल दुखा दूँ मेरी आदत नही…!

दोस्ती होती है दिलों से

चाहने पर,
जबरदस्ती दोस्ती करना मेरी आदत नही..!

लोग कहते हैं

लोग कहते हैं ज़मीं पर किसी को खुदा नहीं

मिलता,
शायद उन लोगों को दोस्त कोई तुम-सा नहीं मिलता……!!
किस्मतवालों को ही मिलती है पनाह किसी के दिल में,
यूं हर शख़्स को तो जन्नत का पता नहीं मिलता…!!
अपने सायें से भी ज़यादा यकीं है मुझे तुम पर,
अंधेरों में तुम तो मिल जाते हो, साया नहीं मिलता…!!
इस बेवफ़ा ज़िन्दगी से शायद मुझे इतनी मोहब्बत ना होती
अगर इस ज़िंदगी में दोस्त कोई तुम जैसा नहीं मिलता…!!

उसी की बात से है

काबे में रहो या काशी में
निस्बत तो उसी की ज़ात से है,

तुम राम कहो कि अल्लाह कहो
मतलब तो उसी की बात से है”..

दिल से ज्यादा

दिल से

ज्यादा महफूज जगह नहीं है दुनिया में,
लेकिन सबसे ज्यादा लापता

लोग यहाँ से ही होते है…॥

एक रविवार ही है

एक रविवार ही है जो रिश्तों को संभालता है
वरना बाकि

दिन तो किश्तों को सँभालने में लग जाते है !!

तुलसी ये तन

तुलसी ये तन

खेत हैं,
मन वचन कर्म किसान |
पुण्य पाप ये दो बीज हैं,
क्या बोना हैं

ये तू जान ||