नहीं फुरसत यकीन मानो कुछ और करने की तेरी बातें , तेरी यादें बहुत मशरूफ रखती हैं|
Tag: शर्म शायरी
कौन कहता है कि दूरियां
कौन कहता है कि दूरियां किलोमीटरों में नापी जाती हैं। खुद से मिलने में भी उम्र गुज़र जाती है।
तू जरुरी सा
तू जरुरी सा है मुझको जिन्दा रहने के लिए|
चुप रहते हैं
तुम याद भी आओ तो चुप रहते हैं, कि आँखों को खबर हुई तो बरस जाएंगी…
आसान नहीं है
इतना आसान नहीं है, जीवन का हर किरदार निभा पाना, इंसान को बिखरना पड़ता है, रिश्तों को समेटने के लिए।
अफसोस होता है
अफसोस होता है उस पल जब अपनी पसंद को कोई और चुरा लेता है, ख्वाब हम देखते है और हकीकत कोई और बना लेता है…
बाज नहीं आते
सौ गुना बढ़ जाती है खूबसूरती महज मुस्कुराने से, फिर भी बाज नहीं आते लोग बुरा सा मुँह बनाने से…
दिल की हकीकत
क्या लिखूँ दिल की हकीकत आरजू बेहोश है, ख़त में आँसू बह रहें और कलम खामोश हैं…॥
अजीब रिश्ता है
कैसा अजीब रिश्ता है ये…दिल आज धोखे में हैं… और धोखेबाज आज भी दिल में….
मेरे हाथों की
लकीरें मेरे हाथों की एकाएक जगमगाती हैं, मरे हाथों में जिस लम्हें तेरा हाथ होता हैं…॥