ना दिल से होता है,
ना दिमाग़ से होता है,
ये प्यार तो इतफाक से होता है,
पर प्यार कर के प्यार ही मिले,
ये इतफाक किसी-किसी के साथ होता है.
Tag: शर्म शायरी
आज हम हैं
आज हम हैं, कल हमारी यादें होंगी.
जब हम ना होंगे, तब हमारी बातें होंगी.
कभी पलटो गे जिंदगी के ये पन्ने,
तो शायद आप की आँखों से भी बरसातें होंगी.
नही है हमारा हाल
नही है हमारा हाल,
कुछ तुम्हारे हाल से अलग,
बस फ़र्क है इतना,
कि तुम याद करते हो,
और हम भूल नही पाते.
यूं कम ना आंकिये
लफ़्ज़ों को यूं कम ना आंकिये,
चंद जो इक्कठे हो जाएँ तो शेर हो जाते हैं।
जज़्बातों में ढल के
जज़्बातों में ढल के यूं , दिल में उतर गया
बन के मेरी वो आदत , अब खुद बदल गया..
सोचा था घर बनाकर
सोचा था घर बनाकर बेठुंगा सुकून से,
पर घर की जरूरतों ने मुसाफिर बना डाला..!!
मेरा और उस चाँद का
मेरा और उस चाँद का मुकद्दर एक सा है….
वो तारों में तन्हा है, मैं हजारों में तन्हा।
जाने किन कर्मों की सजा
मुझे न जाने किन कर्मों की सजा देते हैं.
आख़िरी घूँट हूँ ,बहुत लोग छोड़ देते हैं .!!
जुबां की खामोशी
जुबां की खामोशी पर मत जाओ,
राख के नीचे हमेशा आग दबी होती है।
शायरी का रंग
शायरी का रंग और भी गुलनार हो जाता है,
जब दो शायरों को एक दूसरे से प्यार हो जाता है..