जोड़ियां आसमान से बनकर आती है।
मतलब काम तो ढंग से वहां भी नहीं होता ।।
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
जोड़ियां आसमान से बनकर आती है।
मतलब काम तो ढंग से वहां भी नहीं होता ।।
इन्सान ज़िन्दगी में सिर्फ एक बार ही मोहब्बत करता है …. बाकी की मोहबत्तें वो पहली मोहब्बत भुलाने के लिए करता है।
मुहब्बत में झुकना कोई अजीब बात नहीं है,
.
चमकता सूरज भी तो ढल जाता है चाँद के लिए…
आंसुओं का वजन तो कुछ भी नहीं होता..
मगर निकल जाने पे दिल हल्का जरूर हो जाता है…..!!!
शायरी तभी जमती है महफ़िल में
जब कुछ पुराने शायर अपना नया तजुर्बा रखते है….
दो आँखो में…दो ही आँसू..
एक तेरे लिए,
एक तेरी खातिर..!!
इम्तेहान तेरी तवज्जो का है अब ऐ शाकी
हम तो अब ये भी न बतायेंगे की हम प्यासे हैं
रोज़ आते है बादल अब्र ए रहेमत लेकर…!
मेरे शहर के आमाल उन्हे बरसने नही देते..
जिन की यादों से रौशन हैं मेरी आँखें
दिल कहता है उनको भी मैं याद आता हूँ
मोहोबत दिल में दोनों के लिए यकसां है
कभी हम हाथ में गीता,कभी कुरआन लेते हैं।