सच सुनने से ना जाने क्यों कतराते है

सच सुनने से ना जाने क्यों कतराते है लोग, तारीफ चाहे झूठी हो सुनकर खूब मुस्कुराते है लोग

हजारों हैं मेरे अल्फाज के दिवाने

हजारों हैं मेरे अल्फाज के दिवाने, मेरी खामोशी सुनने वाला कोई होता तो क्या बात थी….

मुझे बस इतना बता दो.

मुझे बस इतना बता दो. इंतजार करु या बदल जाऊ तुम्हारी तरह.

उसी से पुछ लो उसके इश्क़ की कीमत

उसी से पुछ लो उसके इश्क़ की कीमत ,हम तो बस भरोसे पे बिक गए.

जाते हुए उसने सिर्फ इतना कहा

जाते हुए उसने सिर्फ इतना कहा मुझसे..ओ पागल …अपनी ज़िंदगी जी लेना,वैसे प्यार अच्छा करते हो.

हमारी कद्र उनको होगी तन्हाईयो

हमारी कद्र उनको होगी तन्हाईयो में एक दिन, अभी तो बहुत लोग हैं उनके पास दिल्लगी करने को.

हम तो जल गये उसकी मोहब्बत में

हम तो जल गये उसकी मोहब्बत में मोमकी तरह, अगर फिर भी वो हमें बेवफा कहे…तो उसकी वफ़ा को सलाम.

उठाकर फूल की पत्ती उसने

उठाकर फूल की पत्ती उसने बङी नजाकत से मसल दी,इशारो इशारो मेँ कह दिया की हम दिल का ये हाल करते है.

तेरी मोहब्बत भी किराये के घर

तेरी मोहब्बत भी किराये के घर की तरह थी,कितना भी सजाया पर मेरी नहीं हुई .

तेरी मुहब्बत पर मेरा हक तो नही

तेरी मुहब्बत पर मेरा हक तो नही पर दिल चाहता है, आखरी सास तक तेरा इंतजार करू !

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