हमको टालने का
शायद तुमको सलीका आ गया. . .
बात तो करते हो लेकिन,अब तुम अपने नहीं लगते !!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
हमको टालने का
शायद तुमको सलीका आ गया. . .
बात तो करते हो लेकिन,अब तुम अपने नहीं लगते !!
बिछड़ने के कोई कायदे
कानून तो होने चाहिए….
ये क्या हुआ —
दिल खाली था तो रहने लगे
दिल भर गया तो चल दिए …
तुम्हारा दीदार..और वो
भी..आँखों में आँखें डालकर….
.हाय
ये कशिश.. बयाँ करना, मेरे बस की बात नही…. ।।
मेरी आँखों की सुर्खी देख
कर कहने लगे हैं लोग,
”
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.
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लगता है तेरा प्यार तुझे आजमाता बहुत है……!!
सफ़र तुम्हारे साथ बहुत
छोटा था ……!!
.
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मगर….
.
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यादगार हो गये तुम अब ज़िंदगी भर के लिए…!!
बहता आँसू एक झलक
में कितने रूप दिखाएगा
आँख से होकर गाल भिगो कर मिट्टी में मिल जाएगा।।
फिर पलट रही है सर्दियों
की सुहानी रातें …
फिर तेरी याद में जलने के ज़माने आये..
इस अनोखी दुनिया का,
बस यही एक तोहफा है ।
खूब लुटाया अपनापन,
फिर भी जाने क्यों लोग खफा हैं ।
इस स्वार्थी दुनिया मे
जीना है तो…
नींद मे भी पैर हिलाते
रहो….!!
वर्ना लोग मरा हुआ समझ कर..,
जलाने मे देर
नही
लगाएंगे….!
सच पूछो तो खुशबु भी
झूठी लगी मुझे …..
देखा जो मैंने फूल को फूल बेचते …!!