सर्दियों में अक्सर…
चोटें ज्यादा असर करतीं हैं…..!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
सर्दियों में अक्सर…
चोटें ज्यादा असर करतीं हैं…..!!
जिस दिन भी तेरी याद टूट कर आती है “ऐ जान”
मेरी आँखों के साथ ये बारिश भी बरस जाती है…
मेरी चाहत सिर्फ तेरा प्यार पाने तक नहीं..!!
मेरी ख्वाहिश तेरे साथ जन्नत जाने की है
पसन्द करके प्यार नही किया जाता है …?
?प्यार करके पसन्द किया जाता
साकी को गिला है की उसकी बिकती नहीं शराब..
और एक तेरी आँखें है की होश में आने नहीं देती.. .!”
ग़ुरूर उनको भी है, ग़ुरूर हमको भी..
बस इसी जंग को जीतने में हम दोनों हार गये..
अपने ही अपनों से करते है अपनेपन की अभिलाषा…
पर अपनों ने ही बदल रखी है, अपनेपन की परिभाषा !!
बे वजह ही सही,
…
पर ज़िंदगी जीने की एक वजह हो तुम !!
फासलें इस कदर हैं आज रिश्तों में,
जैसे कोई घर खरीदा हो किश्तों में
बहुत मुश्किल से करता हूँ तेरी यादों का कारोबार..
मुनाफा कम ही है लेकिन गुज़ारा हो ही जाता है..