मुस्कुराओ…..
क्योंकि क्रोध में दिया गया आशीर्वाद भी बुरा लगता है
और मुस्कुराकर कहे गए बुरे शब्द भी अच्छे लगते हैं।
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
मुस्कुराओ…..
क्योंकि क्रोध में दिया गया आशीर्वाद भी बुरा लगता है
और मुस्कुराकर कहे गए बुरे शब्द भी अच्छे लगते हैं।
ऐसा नहीं कि कहने को कुछ नहीं बाकी,
मैं बस देख रहा हूँ क्या ख़ामोशी भी समझते हैं सुनने वाले…!
हे भगवान,
मुझे उन बातों को स्वीकार करने का धैर्य प्रदान करो जिन्हें मैं बदल नहीं सकता हूं;
जिन चीजों को मैं बदल सकता हूं उनको बदलने का साहस दो
तथा इन दोनों में अंतर करने के लिए बुद्धि प्रदान करो।
लोग कहते हैं कि समझो तो..खामोशियां भी बोलती हैं..!
मै बरसों से खामोश हूं..और वो बरसों से बेखबर है..!!
सब सो गये अपने हाले दिल बयां करके
अफसोस की मेरा कोई नहीं जो
मुझसे कहे तुम क्यों जाग रहे हो..
अब तो मजहब कोई ऐसा चलाया जाए,
जिसमें इंसान को इंसान बनाया जाए..
कहीं ऐसा ना हो कि जिन्दगी की अच्छी चीजें,
आपकी जिन्दगी की सबसे अच्छी चीज को ख़त्म कर दे..
हम तो लिख देते हैं जो भी ज़हन में आता है,
दिल को छू जाए तो इत्तफाक ही समझिए……!!
चलती रेल में खिड़की के पास बैठकर एहसास होता हैं,
मानों जो जितना करीब हैं,
वो तेज़ी से दूर जा रहे है..!!!
मोहब्बत में हिसाब ओ किताब कौन करे,
..
तुम याद आते हो और बेहिसाब आते हो ।