Tum the to waqt kahin thaherta nhi tha…
Ab waqt guzarne main bhi waqt lagata hain…
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
Tum the to waqt kahin thaherta nhi tha…
Ab waqt guzarne main bhi waqt lagata hain…
मोहब्बत से भरी कोई ग़ज़ल उसे पसंद
नहीं ,
बेवफाई के हर शेर पे वो दाद दिया करते है…
मुद्दतों बात किसीने पूछा कहा रहते हो
हमने मुस्कुरा के कहा अपनी औकात में
जुबाँ न भी बोले तो,
मुश्किल नहीं…
फिक्र तब होती है जब…
खामोशी भी बोलना छोड़ दें…।।
जख्म छुपाना भी एक हुनर है,
वरना, यहाँ हर मुठ्ठी में नमक है
ज़हर का सवाल नहीं था
वो तो में पी गया
तकलीफ़ लोगों को ये थी
की में जी गया ।
रात रोने से कब घटी साहब
बर्फ़ धागे से कब कटी साहब
सिर्फ़ शायर वही हुए जिनकी
ज़िंदगी से नहीं पटी साहब..
तुम बेशक अपने ज़ुल्म की इन्तेहा कर दो
नां जाने फिर कोई हम सा बेजुबां मिले ना मिले.…”
सबके कर्ज़े चुका दूं मरने से पहले, ऐसी मेरी नियतं हैं,
मौंत से पहले तूं भी बता दे ज़िन्दगी, तेरी क्या किमत हैं.”.
किसी भी मौसम में आकर खरीद लीजिये जनाब,
मोहब्बत के ज़ख़्म यहाँ हर मौसम में ताज़ा मिलेंगे…