कभी मिल सको तो इन पंछियो की तरह बेवजह मिलना,
वजह से मिलने वाले तो न जाने हर रोज़ कितने मिलते है !!
Tag: व्यंग्य
खुद पुकारेगी मंजिल तो
खुद पुकारेगी मंजिल तो ठहर जाऊंगा….!!
वरना मुसाफिर खुद्दार हूं यूँ ही गुजर जाऊंगा….!!
आसान नही है
आसान नही है हमसे यूँ शायरिओं में जीत पाना,
हम हर एक शब्द मोहब्बत में हार कर लिखते है।
कुछ इस तरह
कुछ इस तरह सिमटा है तू मुझमे ,
बिखरी हुई छाँव में धुप के टुकड़े जैसे …
मुद्दत हो गयी
मुद्दत हो गयी, कोइ शख्स तो अब ऐसा मिले…!!!
बाहर से जो दिखता हो, अन्दर भी वैसा ही मिले…
फितरत कसी की
फितरत कसी की यूँ ना आजमाया कर ए जिंदगी,
हर शख्स अपनी हद में लाजवाब होता है।
चाँद ने चाँदनी को
चाँद ने चाँदनी को याद किया;
प्यार ने अपने प्यार को याद किया;
हमारे पास न चाँद है न चाँदनी;
इसलिए हमने अपने प्यारे दोस्त को याद किया।
कहने वालों का
कहने वालों का कुछ नहीं जाता;
सहने वाले कमाल करते हैं;
कौन ढूंढें जवाब दर्दों के;
लोग तो बस सवाल करते है।
तेरे होंठों ने
तेरे होंठों ने जो ग़ज़ल लिखी थी गर्दन पर मेरी,
आज भी हाथ फेरता हूँ तो निशान उभर आते हैं..
मोहब्बत क्या होती है
मोहब्बत क्या होती है,
हमने कर के बताया तो कहते हैं. अरे,ये तो हम कर चुके पहले भी!!!