तेरे मुस्कुराने का असर सेहत पे होता है . लोग पूछ लेते है..दवा का नाम क्या है !
Tag: व्यंग्य
आईना आज फिर
आईना आज फिर रिशवत लेता पकडा गया, दिल में दर्द था ओर चेहरा हंसता हुआ पकडा गया|
ख्वाबों में ही
ख्वाबों में ही सही तुम मेरे करीब हो हाँ बेहद करीब |
खुद को समझे वो
खुद को समझे वो लाख मुक्कमल शायद… मुझको लगता है अधूरी वो मेरे बिना|
तुम ही रख लो
तुम ही रख लो अपना बना कर.. औरों ने तो छोड़ दिया तुम्हारा समझकर|
जीवन जीना हो तो
जीवन जीना हो तो दर्पण की तरह जीओ, जिसमें स्वागत सभी का हो लेकिन संग्रह किसी का भी नहीं…
डूब कर सूरज ने
डूब कर सूरज ने, मुझे और भी तन्हा कर दिया… . साया भी अलग हो गया,मेरे अपनो की तरह…
सुकून नसीब नहीं है
सुकून नसीब नहीं है मुझे, उजालों में… . चिराग लेकर, अंधेरा तलाश करता हूं…
बहुत करीब से
बहुत करीब से अंजान बन के गुज़रे हैं वो…. जो बहुत दूर से पहचान लिया करते थे…..
मौला तू भी
मौला तू भी कमाल करता है। आँखे ब्लैक & व्हाइट देता है। और ख़्वाब रंगीन दिखाता है ।