नाराज होकर छोड़कर जाने वाला वापास आ सकता है
लेकिन मुस्करा कर छोड़कर जाने वाला वापस नही आता
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
नाराज होकर छोड़कर जाने वाला वापास आ सकता है
लेकिन मुस्करा कर छोड़कर जाने वाला वापस नही आता
वो बर्फ़ का शरीफ टुकड़ा जाम में क्या गिरा..
धीरे धीरे, खुद-ब-खुद शराब हो गया….
आज एक दुश्मन ने धीरे से कान में कहा,
यार इतना मत मुस्कुराया कर बहोत जलन होती है !!
दिल दे तो इस मिजाज का परवरदिगार दे, जो रंज की घड़ी भी खुशी से गुजार दे।
एक हँसती हुई परेशानी, वाह क्या जिन्दगी हमारी है।
हर बात मानी है सर झुकाकर तेरी ए ज़िन्दगी ….
हिसाब बराबर कर तू भी तो कुछ शर्ते मान मेरी……
ऐ जिन्दगी तेरे जज्बे
को सलाम…
मंजिल पता है के मौत है
फिर भी दौड रही है….।।
मकान बन जाते है कुछ हफ़्तों में,
ये पैसा कुछ ऐसा है..
और घर टूट जाते है चंद पलों में,
ये पैसा ही कुछ ऐसा है…!!
आओ नफरत का किस्सा, दो लाइन में तमाम करें,
दोस्त जहाँ भी मिले, उसे झुक के सलाम करें….
रिश्ते होते है मोतियों की तरह …
कोई गिर भी जाये तो झुक के उठा लेना चाहिए ।