सिखा दिया

सिखा दिया ‘तुने’ मुझे… अपनों पर भी ‘शक’ करना.. मेरी ‘फितरत’ में तो था… गैरों पर भी ‘भरोसा’ करना!!

तेरे संग रातों

तेरे संग रातों मैं चाँद को ताकते रहना बिखर कर अब तो तारे हो गई वो यादे…।

कभी किसी को

कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता कहीं ज़मीन तो कहीं आसमान नहीं मिलता जिसे भी देखिये वो अपने आप में गुम है ज़ुबाँ मिली है मगर हमज़ुबाँ नहीं मिलता बुझा सका है भला कौन वक़्त के शोले ये ऐसी आग है जिसमे धुआँ नहीं मिलता तेरे जहाँ में ऐसा नहीं कि प्यार न हो… Continue reading कभी किसी को

अमन की आस लिए

अमन की आस लिए कुछ फनकार उसपार से इसपार आना चाहते थे पर कुछ जालिम हे जो अमन को आतंक समज ते थे

कभी बेवजह भी

कभी बेवजह भी कुछ ना कुछ खरीद लिया करो दोस्तों.. ये वो खुद्दार लोग है जो भिख नही मांगते

हम इश्क के

हम इश्क के मारो का इतना सा फसाना है संग रोने को कोई नही हमपे हसने को जमाना है

अमीरी भी क्या चीज़ है

अमीरी भी क्या चीज़ है कुत्ते, बिल्ली, तोता खुद पालते है और खुद के बच्चे आया पालती है

कितने कमज़ोर है

कितने कमज़ोर है यह गुब्बारे, चंद सासों में फूल जाते है, बस ज़रा सी बुलंदिया पाकर, अपनी औकात भूल जाते है…

जख्मों को अपने

जख्मों को अपने अब ढक कर चलता हूँ… आजकल लोगों के लहजों में ही नमक झलकता है…!!

मिट जाते है वो

मिट जाते है वो औरों को मिटाने वाले . लाश कहा रोती है? रोते हैं जलाने वाले

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