ये वक़्त बेवक़्त

ये वक़्त बेवक़्त मेरे ख्यालों में आने की आदत
छोड़ दो तुम….,
कसूर तुम्हारा होता है और लोग मुझे
आवारा कहते है….।

कोई प्यासा दिखे तो

आंधियों से न बुझूं ऐसा उजाला हो जाऊँ,
वो नवाज़े तो जुगनू से सितारा हो जाऊँ,
एक क़तरा हूँ मुझे ऐसी फितरत दे भगवन’
कोई प्यासा दिखे तो दरिया हो जाऊ…!!!