बाज नहीं आते

सौ गुना बढ़ जाती है खूबसूरती महज मुस्कुराने से,
फिर भी बाज नहीं आते लोग बुरा सा मुँह बनाने से…

नदिया का पानी

नदिया का पानी भी खामोश बहता यहाँ
खिली चांदनी में छिपी लाख खामोशियाँ
बारिश की बूंदों की होती कहाँ है जुबां
सुलगते दिलों में है खामोश उठता धुंआ