ज़िंदगी हम कैसे जिए हैं ये जरूरी है ना की ये,
कि ज़िंदगी हम कितनी जिए|
Tag: व्यंग्य
मैनें खुदा से कहा
मैनें खुदा से कहा की मुझे सब कुछ दो जिंदगी के मज़़े लेने के लिए,
खुदा ने हँस कर कहा मैनें तुम्हें जिंदगी दी है मज़े लेने के लिए|
गलती करने की इज़ाजत
मुझे एक गलती करने की
इज़ाजत हो अगर तो…
मैँ तुम से दोबारा मोहब्बत
करना चाहता हूँ.!
सुंदर कच्चे घर
अब कहाँ रह गए सुंदर कच्चे घर, कहाँ रह गए वह सौंधी खुश्बू…
जो आती थी उस घर में, जब लीपा जाता था गोबर !!
हल निकलेगा
कोशिश कर, हल निकलेगा
आज नही तो, कल निकलेगा।
अर्जुन के तीर सा सध,
मरूस्थल से भी जल निकलेगा।
मेहनत कर, पौधो को पानी दे,
बंजर जमीन से भी फल निकलेगा।
ताकत जुटा, हिम्मत को आग दे,
फौलाद का भी बल निकलेगा।
जिन्दा रख, दिल में उम्मीदों को,
गरल के समन्दर से भी गंगाजल निकलेगा।
कोशिशें जारी रख कुछ कर गुजरने की,
जो है आज थमा थमा सा, चल निकलेगा।
असर और कहीं था
बिस्तर पे सिमट आये थे सहमे हुए बच्चे,
माँ-बाप में झगड़ा था असर और कहीं था…
हथेली छोटी थी
पहले भी हथेली छोटी थी, अब भी ये हथेली छोटी है…
कल इससे शक्कर गिर जाती थी, अब इससे दवा गिर जाती है !!
उदास रहते हो
बेवजह उदास रहते हो मियाँ…
तुम्हारे घर से तो मयखाने का फासिला कम है..
यों ही बदनाम
लोग यों ही बदनाम करते हैं ज़रूरतमंदों को,
हमने अक्सर अमीरों को गरीबो की मेहनत चुराते देखा हैं।
तेरे दिल मे
कोई तो बात हैं तेरे दिल मे, जो इतनी गहरी हैं कि…
तेरी हँसी, तेरी आँखों तक नहीं पहुँचती…