कम से कम

कम से कम बच्चों के होठों की हँसी की खातिर।

ऐसी मिट्टी में मिलाना कि खिलैाना हो जाउँ।

सफर की शुरुआत

जो सफर की शुरुआत करते हैं,
वे मंजिल भी पा लेते हैं बस,
एक बार चलने का हौसला रखना जरुरी है.
क्योंकि,अच्छे इंसानों का तो रास्ते भी इन्तजार करते है

अजीब तमाशा है

अजीब तमाशा है मिट्टी के बने लोगों का यारो,
बेवफ़ाई करो तो रोते है और वफ़ा करो तो रुलाते है|