शाम से उन के तसव्वुर का नशा था इतना…….
नींद आई है तो आँखों ने बुरा माना है……..
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
शाम से उन के तसव्वुर का नशा था इतना…….
नींद आई है तो आँखों ने बुरा माना है……..
गिलास में पड़ी,
शराब के दो घूंटो में ही थी ज़िन्दगी
और हम ज़िन्दगी को कहाँ कहाँ ढूंढते रहे…
किस्मत से अपनी सबको शिकायत क्यों है?
जो नहीं मिल सकता उसी से मुहब्बत क्यों है?
कितने खायें है धोखे इन राहों में!
फिर भी दिल को उसी का इंतजार क्यों है?
हमारे तजूँबे हमें , ये भी सबक सीखाता है,
की जो मख्खन लगाता है, वो ही चुना लगाता है
जब कोई ख्याल दिल से टकराता है!
दिल न चाह कर भी, खामोश रह जाता है!
कोई सब कुछ कहकर, प्यार जताता है!
कोई कुछ न कहकर भी, सब बोल जाता है!
जब कोई ख्याल दिल से टकराता है!
दिल न चाह कर भी, खामोश रह जाता है!
कोई सब कुछ कहकर, प्यार जताता है!
कोई कुछ न कहकर भी, सब बोल जाता है!
क्या मांगू खुदा से में आपको पाने के बाद,किसका करू इंतेज़ार में आपके आने के बाद,
क्यूँ दोस्तों पर जान लुटाते हैं लोगमालूम हुआ आपको दोस्त बनाने के बाद|
इस कदर हम उनकी मुहब्बत में खो गए!
कि एक नज़र देखा और बस उन्हीं के हम हो गए!
आँख खुली तो अँधेरा था देखा एक सपना था!
आँख बंद की और उन्हीं सपनो में फिर सो गए!
कभी किसी से प्यार मत करना!
हो जाये तो इंकार मत करना!
चल सको तो चलना उस राह पर!
वरना किसी की ज़िन्दगी ख़राब मत करना!
सोचता हूँ की तुझे बताऊँ की क्या हो तुम मेरे लिए…
पर फिर सोचता हूँ की बात निकलेगी तो दूर तक जाएगी…