अच्छा है आँखों पर पलकों का कफन है,,,,
वरना तो इन आँखो में
बहुत कुछ दफन है….!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
अच्छा है आँखों पर पलकों का कफन है,,,,
वरना तो इन आँखो में
बहुत कुछ दफन है….!
तुझे भुलाने के
हज़ार तरीक़े सोचता रहा रात भर,
और इस तरह तेरी याद में एक रात
और गुज़र गयी.
वफ़ा करनी भी सीखो इश्क़ की नगरी में ए दोस्त…
फ़क़त यूँ दिल लगाने से दिलों में घर नही बनते…
लाओ पोंछ दूँ तुम्हारे माथे का
पसीना, ऐ अज़ीज़ हसरतों……..!
तुम भी थक गयी होगी, मेरी जिंदगी का गला घोटते घोटते……….!!
काफी अरसा बीत गया, जाने अब वो कैसी होगी..
वक्त की सारी कड़वी बातें चुप चाप ही सहती होगी…
अब भी भीगी बारिश में वो बिन छतरी के चलती होगी…
मुझसे बिछड़े अरसा गुजरा, अब वो किससे लङती होगी…
अच्छा था जो साथ ही रेहती, बाद में इतना तो सोची होगी…
अपने दिल की सारी बातें, खुद से खुद ही करती होगी.
जब कोई हमसे पूछता है ,
कैसी है अब ज़िंदगी…
मैं मुस्कुराकर कहता हूँ
मुझसे मिलने के बाद
बहुत ख़ुश रहती है वो
क्यूँ मौत से इतने ख़ौफ़ज़दा हैं हम लोग
हमदर्द है वो आती है रिहा करने के लिए
काफी अरसा बीत गया, जाने अब वो कैसी होगी..
वक्त की सारी कड़वी बातें चुप चाप ही सहती होगी…
अब भी भीगी बारिश में वो बिन छतरी के चलती होगी…
मुझसे बिछड़े अरसा गुजरा, अब वो किससे लङती होगी…
अच्छा था जो साथ ही रेहती, बाद में इतना तो सोची होगी…
अपने दिल की सारी बातें, खुद से खुद ही करती होगी.
जो हमें समझ नही सकते!!!!
उन्हें हक़ है…. हमें बुरा समझें!!!
उसके आने से जो आ जाती है मुंह पर रौनक,
वो समझते हैं कि बीमार का हाल अच्छा है।