खुद को मेरे दिल में ही छोड़ गए हो,
तुम्हे तो ठीक से बिछड़ना भी नहीं आया…
Tag: व्यंग्य
मत तरसा किसी को
मत तरसा किसी को इतना अपनी मोहब्बत के लिए…
क्या पता तेरी ही मोहब्बत पाने के लिए जी रहा हो कोई|
अब क्यों बेठे हो
अब क्यों बेठे हो मेरी कब्र बेवजह कह रहा था चले जाऊंगा तब एतबार न आया|
छा जाती है
छा जाती है खामोशी अगर गुनाह अपने हों..!!
बात दूसरे की हो तो शोर बहुत होता है….!!
अच्छा हुआ कि
अच्छा हुआ कि तूने हमें तोड़ कर रख दिया,
घमण्ड भी तो बहुत था हमें तेरे होने का …..
ये सोचना ग़लत है
ये सोचना ग़लत है कि तुम पर नज़र नहीं,
मसरूफ़ हम बहुत हैं मगर बे-ख़बर नहीं।
यहाँ लोग हैं लुटेरे
ऐ दिल चल छोड अब ये पहरे,
ये दुनिया है झूठी यहाँ लोग हैं लुटेरे।।
मुझे मंज़ूर थे
मुझे मंज़ूर थे वक़्त के हर सितम मगर,
तुमसे बिछड़ जाना ये सज़ा कुछ ज्यादा हो गई…
जवानी में जिंदगी
जवानी में जिंदगी के रिवाज बदल जाते हैं,
उम्र बदलने के साथ अंदाज बदल जाते हैं,,
खुशनुमा आलम हो और हुस्न हो अगर साथ,
तो अच्छे अच्छों के हुजूर मिजाज बदल जाते हैं|
आज न जाने राज़ ये क्या
आज न जाने राज़ ये क्या है
हिज्र की रात और इतनी रौशन