मेरी न सही तो तेरी होनी चाहिए….
तमन्ना किसी एक की तो पूरी होनी चाहिए…!!
Tag: व्यंग्य
मोहब्बत सी मोहब्बत है
चाय की थड़ी पर बैठकर मैं, तेरा घंटों इंतजार किया करता था,
तब जाकर तेरा दीदार होता था,
तुझे याद है वे दिन…
पर देखो आज हम आमने सामने बैठकर चाय पीते है
साथ तो लगता है वाकई मोहब्बत सी मोहब्बत है
एक काम कर दो
अच्छा सुनो! जाना एक काम कर दो !!!!
तुम खुद को मेरे नाम कर दो।
नफरत सहन कर लेंगे
शायरियों से तंग आ जाओ,तो बता देना मुझे
नफरत सहन कर लेंगे मगर दिखावे का प्यार नही
मुसाफिर जख्मी नही होते
कौन कहता है मुसाफिर जख्मी नही होते ,
रस्ते गवाह है कम्बख्त गवाही नही देते ..!!
इश्क की गहराइयों में
इश्क की गहराइयों में खूबसुरत क्या है,
मैं हूँ…तुम हो…कुछ और की जरुरत क्या है…?
पत्तो मे कड़वाहट
“दरख्त ए नीम हूँ मे
मेरे नाम से घबराहट तो होगी
छाँव ठंडी ही दूँगा
बेशक पत्तो मे कड़वाहट तो होगी
Daur bhi guzar gya
Kahan ka ishq? Kahan ki wafa?? Kahan ki Mohabbat??
Arey sahab; Wo log bhi guzar gye, aur wo Daur bhi guzar gya
तुमसे मिलने के लिए
आज ख्वाब में आना जरूर,
सिर्फ तुमसे मिलने के लिए रोज सोता हूँ
Naam Liye Bagair
Meri Mohabbat Ki Na Sahi, Mere Saleeke Ki To Daad De…
Tera Zikr Roz Karte Hain, Tera Naam Liye Bagair