मोहब्बत में नहीं रहा तन्हा कभी कोई…
किसी को इश्क मिल गया….
किसी को अश्क मिल गए…
Tag: व्यंग्य
रिश्ते की गहराई
रिश्ते की गहराई अल्फाजो से मत नापो..
सिर्फ एक सवाल सारे धागे तोड़ जाता है…!
कल रात मैंने
कल रात मैंने अपने सारे ग़म,
कमरे की दीवार पर लिख डाले,
बस फिर हम सोते रहे और दीवारे रोती रही…
रिश्ता दिल का होना चाहिए
रिश्ता दिल का होना चाहिए
जनाब
ख़ून के रिश्ते हमने वृद्धाश्रम में देखे हैं|
मेरी आँखों में
मेरी आँखों में पढ़ लेते हैं, लोग तेरे इश्क़ की आयतें…
किसी में इतना भी बस जाना अच्छा नहीं होता|
तेरा इश्क जैसे
तेरा इश्क जैसे प्याज था शायद।
परते खुलती गयी आँसू निकलते गये॥
चलो दौलत की
चलो दौलत की बात करते हैं,
बताओ तुम्हारे दोस्त कितने हैं….!!
फ़रेब होता तो
इश्क …था इसलिए सिर्फ तुझ से किया. ..
फ़रेब होता तो सबसे किया होता
खुदा से मिलती है
खुदा से मिलती है सूरत मेरे महबूब की,
अपनी तो मोहब्बत भी हो जाती है और इबादत भी|
सबको हँसता ही
सबको हँसता ही देखना चाहता हूँ मैं,
किसी को धोखे से भी रुलाना मेरी आदत नहीं।।