काश कोई हम

काश कोई हम पर भी
इतना प्यार जताती
पिछे से आकर वो
हमारी आंखो को छुपाती
हम पुछते कौन हो तुम?
और वो हस कर खुद को हमारी जान बताती|

न कोई है

न कोई है छोटा न कोई बड़ा है !
अहंकार चट्टान बन कर खड़ा है !!
पहाड़ा पढ़ाता है सबको ये ज़ालिम !
समय हांथ धो करके पीछे पड़ा है !!