जलो वहाँ जहाँ जरूरत हो ….. उजालों में चिरागों के कोई मायने नहीं होते।
Tag: व्यंग्य
दो चार नहीं…
दो चार नहीं…मुझे सिर्फ एक दिखा दो… वो शख्स…जो अन्दर भी बाहर जैसा हो… !
इश्क करने से पहले
इश्क करने से पहले उसका अंजाम देख लो,
फिर भी समझ न आये तो गजनी और तेरे नाम देख लो !!
क्या अनमोल चीज़ है…
आग भी क्या अनमोल चीज़ है…
बातों से भी लग जाती है…
ना पूछ रात भर
ना पूछ रात भर जागने की वजह ऐ दिल-ए-नादान….
मोहब्बत में कुछ सवालों के जवाब नहीं होते….
चाहतों के मोड़ पे..
चाहतों के मोड़ पे…
कभी वो रुकी कभी मैं रुका…
मोहब्बत सब्र के अलावा
मोहब्बत सब्र के अलावा कुछ नही…!!
मैने हर इश्क़ को इंतज़ार करते देखा |
आपने जीना सीख लिया
दर्द जब मीठा लगने लगे तो,
समझ जाइये की आपने जीना सीख लिया !
किन लफ्जों में
किन लफ्जों में बयां करुं खूबसूरती तुम्हारी ,
नूर का झरना भी तुम और इश्क़ का दरिया भी तुम हो…
वो बोलते रहे
वो बोलते रहे हम सुनते रहे,
जवाब आँखों में था वो जुबान में ढूंढते रहे !!