लोग इतनी जल्दी बात नहीं मानते।।।
जितनी जल्दी बुरा मान जाते हैं…
Tag: व्यंग्य शायरी
हमें बेचैन बना जाती हैं
उसकी याद हमें बेचैन बना जाती हैं,
हर जगह हमें उसकी सूरत नज़र आती हैं,
कैसा हाल किया हैं मेरा आपके प्यार ने,
नींद भी आती हैं तो आँखे बुरा मान जाती हैं|
थोडा वक़्त भेज दूँ
कहो तो थोडा वक़्त भेज दूँ…
सुना है ,
तुम्हे फ़ुरसत नहीं मुझे याद करने की
सालो साल बातचीत से
सालो साल बातचीत से उतना सुकून नही मिलता,
जितना एक बार मोबत के गले लग कर मिलता था.!!
वक़्त मिला उसे तो
वक़्त मिला उसे तो हमें भी याद कर ही लेगा वो,
फ़ुरसत के लम्हों में हम भी बड़े ख़ास हैं उसके लिए…
यूँ तो हमारे बीच
यूँ तो हमारे बीच …कोई दूरियां न थी.
हमारे बेरुखी ने… बीच मीलों फासले किये..
उस बरसात में
तू भेज रंग मुहब्बत
के वहाँ से
हम भीगेगे उस
बरसात में यहां से……..
कितना गहरा है
मुझमें डूबोगे नहीं तो भला जानोगे कैसे ?
दर्द का समुन्दर आखिर कितना गहरा है
उलझने क्या बताऊँ
उलझने क्या बताऊँ ज़िंदगी की..
तेरे ही गले लगकर,
तेरी ही शिकायत करनी है मुझे..
तुम ने वादा किया था
तुम ने वादा किया था मेरे संग चलने का ….
फिर ये फन कहाँ से सीखा रास्ता बदलने का …