इश्क़ होना भी लाज़मी है…
शायरी लिखने के लिए…!
वरना….
कलम ही लिखती…
तो हर दफ्तर का बाबू ग़ालिब होता…!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
इश्क़ होना भी लाज़मी है…
शायरी लिखने के लिए…!
वरना….
कलम ही लिखती…
तो हर दफ्तर का बाबू ग़ालिब होता…!!
जब किसी की कमियां भी अच्छी लगने लगे ना,,,,
तो मान ही लीजिये,, ये दिल दगाबाजी कर गया…,
बस यही सोचकर मैं शिकवा नहीं करता…!!!
हर कोई तो यहाँ पर वफ़ा नहीं करता….
अपनी कमजोरियो का जिक्र कभी न
करना जमाने से.
लोग कटी पतंगो को जम कर लुटा करते है !!
प्यार है इश्क़ है,मोहब्बत है, क्या है….
पतंग मेरी कटती है उदास वो हो जाता है…..
जब किसी की कमियां भी अच्छी लगने लगे ना तो मान ही लीजिये ये दिल दगाबाजी कर गया…
मुझसे मौत ने पुछा मै आंऊगीं तो कैसे स्वागत करोगे..
कहा मैने फूल बिछा कर पूछूंगा इतनी देर कैसे लगी….
बस यही सोचकर मैं शिकवा नहीं करता…!!!
हर कोई तो यहाँ पर वफ़ा नहीं करता….
सबकी जिंदगी मेँ ,
एक ऐसा शख्स जरूर होता है,
जो किस्मत में नहीं,
लेकिन दिल और दिमाग
मे हर वक़्त रहता है …
मुस्कान के सिवा कुछ न लाया कर चेहरे पर..!
मेरी फ़िक्र हार जाती है तेरी मायूसी देखकर..!!