आओ नफरत का किस्सा, दो लाइन में तमाम करें,
दोस्त जहाँ भी मिले, उसे झुक के सलाम करें….
Tag: वक्त शायरी
वो बुलंदियाँ भी
वो बुलंदियाँ भी किस काम की जनाब,,
कि इंसान चढ़े और इंसानियत उतर जायें…??
आज एक दुश्मन ने
आज एक दुश्मन ने धीरे से कान में कहा,
यार इतना मत मुस्कुराया कर बहोत जलन होती है !!
रोज़ आ जाते हो
रोज़ आ जाते हो बिना इत्तेला दिए ख्वाबों में….
कोई देख लेगा तो हम क्या जवाब देंगे……
एक हँसती हुई परेशानी
एक हँसती हुई परेशानी, वाह क्या जिन्दगी हमारी है।
ख्वाब बोये थे
ख्वाब बोये थे, और अकेलापन काटा है,
इस मोहब्बत में ,
“यारों” बहुत घाटा है..
कुछ तो बेवफाई हैं
कुछ तो बेवफाई हैं मुझमें भी,,
जो अब तक जिंदा हुं तेरे बगैर !
ज़िन्दगी देने वाले
ज़िन्दगी देने वाले यूँ मरता छोड़ गए,
अपनापन जताने वाले यूँ तनहा छोड़ गए,
जब पड़ी जरुरत हमें अपने हमसफ़र की,
तो साथ चलने वाले अपना रास्ता मोड़ गए।
मीठी यादों की
मीठी यादों की चासनीं में भिगोकर हमने।
तेरे इश़्क को, मुरब्बे सा संभाल रक्खा है।
तुम्हारे पास ही तो हैं
तुम्हारे पास ही तो हैं ज़रा ख्याल करके देखो।
आँखों की जगह दिल का इस्तेमाल करके देखो।