जो उनकी आँखों से बयां होते हैं,
वो लफ्ज़ शायरी में कहाँ होते हैं।
Tag: वक्त शायरी
पहले भी था
पहले भी था अब भी है
इश्क़ हमारा बाग़ का चौकीदार हो गया|
खूबसूरती न सूरत में है
खूबसूरती न सूरत में है न लिबास में….
निगाहें जिसे चाहे उसे हसीन कर दें|
हम जिंदगी में
हम जिंदगी में बहुत सी चीजे खो देते है,
“नहीं” जल्दी बोल कर और “हाँ” देर से बोल कर..
सर क़लम होंगे
सर क़लम होंगे कल यहाँ उन के
जिन के मुँह में ज़बान बाक़ी है|
चलो इश्क़ में
चलो इश्क़ में कुछ यु अंदाज़ अपनाते हैं
तुम आँखें बंद करो हम तुम्हे सीने से लगाते हैं|
ऐ जिन्दगी तेरे जज्बे को
ऐ जिन्दगी तेरे जज्बे
को सलाम…
मंजिल पता है के मौत है
फिर भी दौड रही है….।।
एक मैं हूँ
एक मैं हूँ , किया ना कभी सवाल कोई, एक तुम हो , जिसका कोई नहीं जवाब…
नाराज होकर छोड़कर
नाराज होकर छोड़कर जाने वाला वापास आ सकता है
लेकिन मुस्करा कर छोड़कर जाने वाला वापस नही आता
शराब हो गया….
वो बर्फ़ का शरीफ टुकड़ा जाम में क्या गिरा..
धीरे धीरे, खुद-ब-खुद शराब हो गया….