दोस्ती इन्सान की ज़रुरत है!
दिलों पर दोस्ती की हुकुमत है!
आपके प्यार की वजह से जिंदा हूँ!
वरना खुदा को भी हमारी ज़रुरत है!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
दोस्ती इन्सान की ज़रुरत है!
दिलों पर दोस्ती की हुकुमत है!
आपके प्यार की वजह से जिंदा हूँ!
वरना खुदा को भी हमारी ज़रुरत है!
सालो साल बातचीत से उतना सुकून नही मिलता,
जितना एक बार महबूब के गले लग कर मिलता है….!!
इश्क़ वो नहीं जो तुझे मेरा कर दे….
इश्क़ वो है जो तुझे किसी और का ना होने दे !!
सच्चे इश्क में अल्फाज़ से ज्यादा एहसास की एहमियत होती है।
ज़ख़्मों के बावजूद मेरा हौसला तो देख….
तू हँसी तो मैं भी तेरे साथ हँस दिया….!!
शोहरत की आरज़ू ने किया बेवतन हमें,
इतनी बढ़ी ग़रज़ कि उसूलों से हट गए।
वो दिल ही क्या तेरे मिलने की जो दुआ न करे..
मैं तुझको भूल के ज़िंदा रहूँ ख़ुदा न करे।।
रहेगा साथ तेरा प्यार ज़िन्दगी बनकर..
ये और बात मेरी ज़िन्दगी वफ़ा न करे।।
तुम दुआ के वक़्त जरा मुझे भी बुला लेना…
दोनों मिलकर एक दूसरे को मांग लेंगे…
सियासत हो या मोहब्बत…”यारो…!”..
जीतता वही हे जो फरेबी हैं….!
रात भर गहरी नींद आना इतना आसान नहीं…
उसके लिए दिन भर “ईमानदारी” से जीना पड़ता हैं….!!