तेरे दीदार के काबिल कहाँ मेरी
नजर है …….
वो तो तेरी रहमत है जो तेरा रुख
इधर है ।।………
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
तेरे दीदार के काबिल कहाँ मेरी
नजर है …….
वो तो तेरी रहमत है जो तेरा रुख
इधर है ।।………
Tum the to waqt kahin thaherta nhi tha…
Ab waqt guzarne main bhi waqt lagata hain…
मोहब्बत से भरी कोई ग़ज़ल उसे पसंद
नहीं ,
बेवफाई के हर शेर पे वो दाद दिया करते है…
किसी भी मौसम में आकर खरीद लीजिये जनाब,
मोहब्बत के ज़ख़्म यहाँ हर मौसम में ताज़ा मिलेंगे…
Zindagi Tasveer bhi hai
Aur Taqdeer bhi…
Farq to Rango ka hai…
Manchahe Rango se bane
to Tasvir,
Aur Anjaane Rango se bane
to Taqdir…
बचपन से
लेकर आज तक सिर्फ अच्छे काम ही
किये…!!!
बस गलती से इश्क
हो गया…!!!
जब भी
देखता हूँ ..
किसी गरीब को हँसते हुए ..
तो यकीन आ जाता है ..
की
खुशियो का ताल्लुक दौलत से नहीं होता..
Log
rone ke liye kandha nahi dete,
Marne tak
intezaar karte hai॥
फिर
कहाँ का हिसाब रहता है ,.,
इश्क़ जब बेहिसाब हो जाये ,.,!!
यही
बहुत है तूने पलट के देख लिया,
ये लुत्फ़ भी मेरे अरमान से ज्यादा है.