अजीब नींद मेरे नसीब में लिखी है… पलकें बंद होती है… तो दिल जाग जाता है…
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वो जब देखेगी
वो जब देखेगी उलझ सा जाऊँगा, नज़रे मिलाऊ या नज़र भर देखू।
सांप बेरोजगार हो गये
किसी ने क्या खूब लिखा है….. सांप बेरोजगार हो गये, अब आदमी काटने लगे
टूटता हुआ तारा
टूटता हुआ तारा सबकी दुआ पूरी करता है.. क्यों के उसे टूटने का दर्द मालूम होता है….
इतनी मोहब्बत दूंगा
हो मेरी, कि इतनी मोहब्बत दूंगा । लोग हसरत करेंगे, तेरे जैसा नसीब पाने को ।.
मेरी आखरी सरहद हो जैसे
वो मेरी आखरी सरहद हो जैसे, सोच जाती ही नहीं उस से आगे…
देख ली समंदर
देख ली समंदर की दरियादिली…, साँसें ले कर…लाश बाहर फेंक दी…।
जब छोड़ गए सब
जब छोड़ गए सब तब मिला मुझे रब|
गलियों में चाहे
आयेंगे तेरी गलियों में चाहे देर क्यू न हो जाये… करेंगे मोहब्बत तुझी से चाहे जेल क्यू न हो जाय
छोड़ तो सकता हूँ
छोड़ तो सकता हूँ मगर छोड़ नहीं पाता उसे.. वो शख्स मेरी बिगड़ी हुई आदत की तरह है..!!!