ज़िन्दगी दर्द पे

ये ज़िन्दगी दर्द पे दर्द दिये जा रही है और हम है की फिर भी जिए जा रहे हैं

Dusro ke Kareeb

Jab koi Apna Dusro ke Kareeb hone lagta he,.. To Dooriyo ka Ehsaas zyada hota he…!!

कदर ना करना

हम तुम्हें मुफ्त में जो मिले है,कदर ना करना हक है तुम्हारा

अगर यूँ ही

अगर यूँ ही कमियाँ निकालते रहे आप…. तो एक दिन सिर्फ खूबियाँ रह जाएँगी मुझमें….!

अपनों को तनहा

मैंने पत्थरों को भी रोते देखा है झरने के रूप में.. मैंने पेड़ों को प्यासा देखा है सावन की धूप में…! घुल-मिल कर बहुत रहते हैं लोग जो शातिर हैं बहुत… मैंने अपनों को तनहा देखा है बेगानों के रूप मे….!!!!

दहेज से जली बेटी

दहेज से जली बेटी को बाप ने जब आग देनी चाही तो लाश कराहते हुए बोल पड़ी “बाबूजी फिर मत जलाओ., जलने पर बड़ा दर्द होता है….!!

किसी ने अपना बनाया

किसी ने अपना बनाया, बना के छोङ दिया मुझे गले से लगाया, लगा के छोङ दिया गले से लगके मिले गैरों से वो महफिल मे हमारा हाथ दबाया, दबाके छोङ दिया मेरे सलाम का इस नाज से दिया है जवाब अदब से हाथ उठाया, उठा के छोङ दिया

वो मेरी आखरी

वो मेरी आखरी सरहद हो जैसे, सोच जाती ही नहीं उस से आगे…

आँगन आँगन नहीं होता

वो आँगन आँगन नहीं होता जहाँ बेटियाँ नहीं खेलतीं वो रसोई रसोई नहीं होती जहाँ मांयें रोटियाँ नहीं बेलतीं ।

कैसे पढ़ते हो जनाज़ा

सुनो, कैसे पढ़ते हो जनाज़ा उसका वो लोग जो अंदर से मर जाते है|

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