मैं वो बात हूँ, जो बनी नहीं..
मैं वो रात हूँ,जो कटी नहीं !!
Tag: वक्त शायरी
जीना है सब के साथ
जीना है सब के साथ कि इंसान मैं भी हूँ,
चेहरे बदल बदल के परेशान मैं भी हूँ !!
ज़िन्दगी के हिसाब किताब
ज़िन्दगी के हिसाब किताब भी बड़े अजीब थे
जब तक हम अज़नबी थे, ज्यादा करीब थे….
मोहब्बत की किताब
कैसे लिखोगे मोहब्बत की किताब
तुम तो करने लगे पल पल का हिसाब|
बचा न कहने को
कुछ भी बचा न कहने को हर बात हो गई
आओ कहीं शराब पिएँ रात हो गई|
जरा सी मोहब्बत
जरा सी मोहब्बत क्या पी ली
कि जिन्दगी अब तक लड़खड़ा रही है….
जिंदगी मेरे कानो मे
जिंदगी मेरे कानो मे अभी होले से कुछ कह गई,
उन रिश्तो को संभाले रखना जिन के
बिना गुज़ारा नहीं होता|
जो अंधेरे की तरह
जो अंधेरे की तरह डसते रहे ,अब उजाले की कसम खाने लगे
चंद मुर्दे बैठकर श्मशान में ,ज़िंदगी का अर्थ समझाने लगे!!
यूँ असर डाला है
यूँ असर डाला है मतलबी लोगो ने दुनियाँ पर,हाल भी पूछो तो लोग समझते है की कोई काम होगा…
आसाँ कहाँ था
आसाँ कहाँ था कारोबार-ए-इश्क
पर कहिये हुजूर , हमने कब शिकायत की है ?
हम तो मीर-ओ-गालिब के मुरीद हैं
हमेशा आग के दरिया से गुजरने की हिमायत की है !