जीवन जीना हो तो
दर्पण की तरह जीओ,
जिसमें स्वागत सभी का हो
लेकिन संग्रह किसी का भी नहीं…
Tag: वक्त शायरी
डूब कर सूरज ने
डूब कर सूरज ने, मुझे और भी तन्हा कर दिया…
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साया भी अलग हो गया,मेरे अपनो की तरह…
सुकून नसीब नहीं है
सुकून नसीब नहीं है मुझे, उजालों में…
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चिराग लेकर, अंधेरा तलाश करता हूं…
बहुत करीब से
बहुत करीब से अंजान बन के गुज़रे हैं वो….
जो बहुत दूर से पहचान लिया करते थे…..
मौला तू भी
मौला तू भी कमाल करता है।
आँखे ब्लैक & व्हाइट देता है।
और ख़्वाब रंगीन दिखाता है ।
तुम हवा बन सको
तुम हवा बन सको , नाप लू में गगन
पर में कैसे लडू , तेज़ तूफ़ान से
और छोड़ा अगर तुमने तीर ए नज़र
ये परिंदा चला जायेगा जान से|
तेरे मैखाने का
तेरे मैखाने का दस्तूर भी अजीब है साकी
शराब उनको मिलती है …जिनको पीना नहीं आता…
हद से बढ़ जाये
हद से बढ़ जाये तालुक तो गम मिलते हैं..
हम इसी वास्ते अब हर शख्स से कम मिलते हँ..
हाँथों की उन लकीरों को
हाँथों की उन लकीरों को ढूंढ रहा हूँ ,
जिन में तू सिर्फ़ और सिर्फ़ मेरी लिखी गई है|
तेरी तस्वीर को
तेरी तस्वीर को सीने से लगा रखा है ,
हमने दुनिया से अलग गांव बस रखा है|