मुस्काना तो पड़ता है

महफ़िल महफ़िल मुस्काना तो पड़ता है
खुद ही खुद को समझाना तो पड़ता है

उनकी आँखों से होकर दिल तक जाना
रस्ते में ये मैखाना तो पडता हैं

तुमको पाने की चाहत में ख़तम हुए
इश्क में इतना जुरमाना तो पड़ता हैं