अजीब रंग का मौसम

अजीब रंग का मौसम चला है कुछ दिन से;
नज़र पे बोझ है और दिल खफा है कुछ दिन से…
वो और थे जिसे तू जानता था बरसों से…
मैं और हूँ जिसे तू मिल रहा है कुछ दिन से…

इश्क़ सभी को

इश्क़ सभी को जीना सीखा देता है,
वफ़ा के नाम पर मरना सीखा देता है.
इश्क़ नही किया तो करके देखो,
ज़ालिम हर दर्द सहना सीखा देता है|