ख्याल-ए-यार में नींद का तसव्वुर कैसा,
आँख लगती ही नहीं, आँख लगी है जब से|
Tag: याद
कितने बरसों का सफर
कितने बरसों का सफर यूँ ही ख़ाक
हुआ।
जब उन्होंने कहा “कहो..कैसे आना हुआ ?”
दो कदम चलकर
दो कदम चलकर अक्सर हम रुक जाया करते है ,
क्यों इंतजार रहता है उनका,
जो राह में छोड़कर चले जाया करते है|
तेरे मुस्कुराने का असर
तेरे मुस्कुराने का असर सेहत पे होता है .
लोग पूछ लेते है..दवा का नाम क्या है !
आईना आज फिर
आईना आज फिर रिशवत लेता पकडा गया,
दिल में दर्द था ओर चेहरा हंसता हुआ पकडा गया|
ख्वाबों में ही
ख्वाबों में ही सही
तुम मेरे करीब हो
हाँ बेहद करीब |
खुद को समझे वो
खुद को समझे वो लाख मुक्कमल शायद…
मुझको लगता है अधूरी वो मेरे बिना|
तुम ही रख लो
तुम ही रख लो अपना बना कर..
औरों ने तो छोड़ दिया तुम्हारा समझकर|
ना जाने कैसे
ना जाने कैसे इम्तेहान ले रही है जिदगी,
आजकल, मुक्दर, मोहब्बत और दोस्त
तीनो नाराज रहते है|
मिली है अगर
मिली है अगर जिंदगी तो मिसाल बन कर दिखाइये…
वर्ना इतिहास के पन्ने आजकल रिश्वत देकर भी छपते है|