वो लोग भी चलते है आजकल तेवर बदलकर …
जिन्हे हमने ही सिखाया था चलना संभल कर…!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
वो लोग भी चलते है आजकल तेवर बदलकर …
जिन्हे हमने ही सिखाया था चलना संभल कर…!
“समस्या” के बारे में सोचने से,
बहाने मिलते हैं,
“समाधान” के बारे में सोचने से, रास्ते मिलते हैं…
ज़िन्दगी को “आसान” नहीं,
बस खुद को “मजबूत” बनाना
पड़ता है।
उत्तम समय कभी नहीं आता,
समय को उत्तम बनाना पड़ता है…….
मरने का मजा तो तब है ..
दोस्त
जब जनाजे में कातिल भी आकर रोये..!!
तुम खुद उलझ जाओगे मुझे गम देने की चाहत में,
मुझमें हौसला बहूत है मुस्कुराकर निकल जाऊंगा…!!
कब्रोँ पर यहाँ ताजमहल है….
और एक टूटी छत को ज़िन्दगी तरसती है…….
आईना होजाये मेरा इश्क़, उनके हुस्न का ….
क्या मज़ा हो दर्द,अगर खुद ही दवा लेने लगे…
तड़प रही है
सांसे तुझे महसूस करने को…फिजा में खुशबू
बनकर बिखर जाओ
तो कुछ बात बने |
उसूलों पर अगर आ जाये, तो टकराना जरुरी है!
जिन्दा हो तो जिन्दा नज़र आना जरुरी है।
फासलों से अगर.. मुस्कुराहट लौट आये तुम्हारी…
तो तुम्हे हक़ है.. कि तुम… दूरियां बना लो मुझसे….
अपनों के बीच,
गैरो की याद नहीं आती।
और गैरो के बीच,
कुछ अपने याद आते हैं।