कभी इतना मत

कभी इतना मत मुस्कुराना की नजर लग जाए

जमाने की हर आँख मेरी तरह मोहब्बत की नही होती….!!!

कोई मुझ से

कोई मुझ से पूछ बैठा
‘बदलना’ किस को कहते हैं?
सोच में पड़ गया हूँ मिसाल किस की दूँ ?
“मौसम” की या “अपनों” की

दोस्ती इन्सान की

दोस्ती इन्सान की ज़रुरत है!

दिलों पर दोस्ती की हुकुमत है!

आपके प्यार की वजह से जिंदा हूँ!

वरना खुदा को भी हमारी ज़रुरत है!